🔥 पिछले एपिसोड में…
वीर अपनी कठोर साधना से शरीर तोड़ देने की हद तक पहुँच गया।
नितिन ने उसे महंगा ब्लड रुलिया देकर सहारा दिया, और वीर ने कसम खाई कि वह ऐनर्जी कंडेनसेशन स्टेज तक ज़रूर पहुँचेगा।
लेकिन कार्लोवेनिया एकेडमी के नामांकन स्थल पर उसकी टक्कर होती है सिकारा से—जो रवीना और परिवार दोनों के कारण उसका जन्म-दुश्मन बन चुका है। ⚔️🔥
📢 ⭐ EP-3 शुरू करते हैं…
वीर तुम सच में मेहनती और ताकतवर हो, तुम लोहे के समान मजबूत इस पेड़ के तने को इस हद तक नुकसान पहुँचा चुके हो। 🌳⚔️
हालाँकि, तुम जिस तरह से प्रशिक्षण कर रहे हो, उसे देखते हुए तुम्हारे घावों को भरने के लिए आयरन थ्रेड ग्रास पर्याप्त नहीं होगी। अगर तुम ऐसा करते रहे, तो तुम हाथों से अपंग भी हो सकते हो!
वीर ने कुछ नहीं कहा। उसकी आँखों में केवल दृढ़ता थी—एक ऐसी आग जो किसी भी तूफ़ान से नहीं बुझती। 🔥
फाइटिंग के मार्ग पर चलना स्वर्ग के खिलाफ निरंतर संघर्ष है। उसके ग्रेड तीन के टैलेंट के साथ छठे चरण तक पहुँचना लगभग असंभव ही माना जाता है। लेकिन वीर का संकल्प उससे कहीं बड़ा था।
नितिन ने गहरी साँस लेते हुए अपनी जेब से एक कपड़े का बंडल निकाला…
उसमें था सौ साल पुराना रक्त रुलिया। 🌿❤️
इतना महंगा कि वीर के परिवार की पूरी सालाना कमाई बराबर!
लेकिन नितिन ने ज़ोर देकर कहा—
“ये तुम्हारे लिए ही खरीदा है! तुम जितनी चोटें खाते हो, मेरे लिए ये किसी काम का नहीं!”
वीर कुछ पल चुप रहा… फिर रक्त रुलिया स्वीकार कर लिया।
“धन्यवाद, नितिन। अब मुझे ऐनर्जी कंडेनसेशन स्टेज तक पहुँचना ही होगा।”
नितिन हँस पड़ा।
“और उस कमीने सिकारा को भी सबक सिखाना होगा!” 😤
🏛️ कार्लोवेनिया एकेडमी का पंजीकरण दिवस
एकेडमी की इमारतें ग्रेट माउंटेन चिनूक के तल पर 10 किमी तक फैली थीं।
आज प्रवेश परीक्षा के लिए पंजीकरण था, और मैदान में भारी भीड़ लगी थी।
वीर और नितिन देर से पहुँचे, लेकिन फिर भी लाइनें कई मीटर लंबी थीं।
उधर नितिन की नज़र एक लाल कालीन वाले छोटे गेट पर गई।
“वो तो रईसों के लिए है…”
वीर ने साइनबोर्ड पढ़ते हुए कहा।
इसी बीच, एक शानदार पालकी रुकी…
और बाहर निकला—सिकारा।
इसके साथ एक और कुलीन युवक।
नितिन की साँस अटक गई—
“लानत है… आज ही मिलना था क्या!”
⚔️ सिकारा का सामना
सिकारा ने वीर को देखा। पहले आश्चर्य… फिर ठंडी नफ़रत।
उसने तलवार निकालकर हवा में घुमाई—
स्स्स्स्श!
एक तेज़ स्लैश से पास के पेड़ की आधी शाखा उड़ गई! 🌳⚔️💨
“तुम जैसे निम्न-स्तर के व्यक्ति को फाइटिंग वे का नाम लेने की भी हिम्मत नहीं होनी चाहिए,”
सिकारा गरजा।
नितिन बीच में आया, भड़क उठा—
“तुम हमसे दो साल बड़े हो इसलिए इतनी अकड़ दिखा रहे हो?”
सिकारा ने आधी मुस्कान के साथ दबाव छोड़ा, जिससे नितिन खांसते हुए पीछे हट गया।
फिर उसने वीर पर 1000 टोका सिक्कों की पोटली फेंकी—
“ये ले लो… और आज के बाद कभी मेरी नज़र में मत आना!”
भीड़ सन्न रह गई—1000 टोका बहुत बड़ी रकम थी।
नितिन ने पोटली वापस फेंक दी—
“क्या हम भिखारी लगते हैं?”
⚡ वीर का जवाब (सबके दिल में उतर जाने वाला क्षण)
वीर ने गहरी साँस ली…
और बिना कंपकँपाए बोला—
“सिकारा, टैलेंट और परिवार में मैं तुमसे कम हूँ।
लेकिन फाइटिंग आर्ट केवल टैलेंट और पैसे से नहीं होती।
असल शक्ति—दिल की होती है!
तुम फाइटिंग आर्ट घमंड, पद और दिखावे के लिए कर रहे हो।
मैं इसे असली फाइटिंग वे के लिए कर रहा हूँ—
उच्च शिखर तक पहुँचने और लोगों की रक्षा करने के लिए!”
भीड़ में फुसफुसाहट फैल गई…
एक ग्रेड थ्री लड़का सीधे ग्रेड फोर प्रतिभा वाले सिकारा को चुनौती दे रहा था! 😳🔥
सिकारा हँस पड़ा—
“अच्छा है… मैं इंतज़ार करूँगा उस दिन का जब तुम मुझे पार करने की कोशिश करोगे।”
और वह अपनी तलवार म्यान में डालकर वहाँ से चला गया।
🔥 अगले एपिसोड में क्या होगा?
सिकारा की चुनौती हवा में गूंज रही थी…
लेकिन वीर के दिल में जलती आग अब पहले से कहीं ज़्यादा प्रचंड हो चुकी थी।
भीड़ धीरे-धीरे छँटने लगी—
और तभी, कार्लोवेनिया एकेडमी के मुख्य द्वार पर एक रहस्यमयी बूढ़ा व्यक्ति वीर को घूरते हुए मुस्कुराया…
उसकी आँखों में ऐसा चमक थी जैसे वह वीर के भाग्य का अगला पन्ना पहले ही पढ़ चुका हो। 👀🔥
लेकिन वह कौन था?
और वह वीर में क्या देख रहा था?
जानिए अगले एपिसोड में…
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